Thursday, 21 November 2013

प्रधानमंत्री का विदाई भाषण (Farewell speech of PM)


प्रस्तुत लेख एक कल्पना  मात्र है, यहाँ उपयोग किये गए नाम वास्तविक लग सकते है परन्तु वह एक संयोग मात्र होगा। इस लेख का प्रयोजन सिर्फ अपने पाठको का मनोरंजन करना है न कि किसी कि भावनाओ को आहात करना, फिर भी अगर किसी विशेष राजनितिक दल कि भावनाओ को ठेस पहुचती है तो इसके लिए वो खुद और इस लेख में आये हुए नाम जिम्मेदार है।

दिन : १ जून २०१४
स्थान: राम लीला मैदान, दिल्ली
घटना: श्रीमान मन्नू भाई जी कि देश के P.M पद से विदाई
कारन: श्रीमान नमो भाई जी कि देश के P.M पद कि शपथ


आज नमो देश के प्रधानमंत्री पद कि शपथ राम-लीला मैदान में लाखो लोगो कि मौजूदगी में लेने जा रहे है, परन्तु उससे पहले एक विशेष घटना घटित होने को है, जिसके लिए देश  १० सालो तक तरसता रहा, वो होने जा रहा है, आज मन्नू जी कुछ "कहने " जा रहे है।

जी हाँ , मन्नू जी ने नमो जी से आग्रह किया कि वो भी सचिन तेंदुलकर कि तरह एक विदाई भाषण देना चाहते है, परन्तु वानखेड़े स्टेडियम कि तरह लाखो लोग जुटा पाना मुश्किल है इस लिए वो नमो जी के शपथ ग्रहण समारोह में अपनी स्पीच देना चाहते है और जैसा नमो जी ने यह आग्रह स्वीकार किया और आज मन्नू जी को "बोलने " का मौका देते हुए "इंक्लूसिव पॉलिटिक्स " का उदहारण प्रस्तुत किया।

जैसे ही मन्नू जी अपने दोनों हाथ अपनी जैकेट कि पॉकेट में डाल के, इठलाती हुयी अपनी "मनमोहक" चाल में चलते हुए  मंच पे आके पोडियम पर खड़े हुए वैसे ही सारी जनता हल्ला मचाने लगी, मन्नू जी ने धीरे से माइक के करीब जाके कहना आरम्भ किया। ....

दोस्तों----- बैठ जाईये _ _ _ _ कृपया करके शांत हो जाईये _ _ _ फिर भी जनता चुप नहीं हुयी,

तभी मन्नू जी ने मीरा कुमारी जी कि तरफ देखा, वो तुरंत दौड़ती हुयी माइक पे आयी और बोली, शांत हो जाईये, बैठ जाईये, शांत हो जाईये, बैठ जाईये, मन्नू जी को सुनिये - _ _ _ और मन्नू जी को माइक देते हुए वो वापस लौट गयी।

मन्नू जी ने फिर कोशिश कि, देखिये आप शांति से नहीं बैठेंगे तो में आज भी कुछ नहीं बोलूंगा _ _ _

"आज भी कुछ नहीं बोलूंगा _ _ " यह सुन के पुरे मैदान में सन्नाटा पसर गया.

मन्नू जी ने शुरू किया_ _ _ _ _ _ _
"मेरी जिंदगी के १० साल,  ७ रेस कोर्स रोड से १० जनपथ  के बिच कि भाग दौड़ में कब बीत गए पता ही नहीं  चला, आज मेरी उसी जिंदगी का आखिरी दिन है, मेरी इस जिंदगी को यादगार बनाने में बहुत लोगो का योगदान रहा है में सभी का शुक्रिया करना चाहता हूँ" फिर मन्नू जी ने अपनी पॉकेट से एक हाथ निकालते हुए रूमाल से अपनी नाक साफ कि और फिर कहना शुरू किया_ _ _ _

"सबसे पहले तो में शुक्रिया करना चाहता हूँ नमो जी का _ _ _तभी अचानक लोगो ने चिल्लाना शुरू किया  मोअअअ दी _ _ _ मोअअअ दी___मोअअअ दी_ _ अबकी बार नमो जी ने जनता को कहा " मित्रो शांत हो जाईये " और जनता चुप हो गयी.

मन्नू जी ने एक बार फिर आरम्भ किया, "नमो जी कि वजह से आज मुझे बोलने का मौका मिला है , आज मुझे अपनी विदाई का भाषण देने का मौका मिला है, नमो जे कि वजह से मुझे अब बुढ़ापे में आराम करने का मौका मिला है।

में मैडम जी का भी शुक्रगुजार हूँ कि आज उनके मार्गदर्शन में काम करने कि वजह से मुझे P.M. पद से विदाई मिल रही है, मैडम जी कि वजह से ही में आज इतना फिट हूँ क्योंकि मुझे रोजाना ७ रेस कोर्स से भाग के १० जनपथ कई बार आना पड़ता था.
यकीन ही नहीं आता कि आज से मेरी जिंदगी में केवल एक मैडमजी रह गयी है_ _  मेरी पत्नी।

में शुक्रगुजार हूँ अपने मंत्रिमंडल का जिनकी करतूतो कि वजह से आज मुझे "चोर" जैसे सम्मानो से नवाज़ा जाता है.
में तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ अपनी भारत माता का जिसने मेरी हर शैतानी को नजरअंदाज किया, मेरे हर घोटालो को सहा, मेरे लिए कई टैक्स पेयर्स ने बड़े बड़े बलिदान दिए उनका भी शुक्रिया।

राउल बाबा_ _ _ अब उनके बारे में क्या कहु ? इस नौजवान लडके ने मेरे लिए अपनी पूरी जवानी दांव पे लगा दी, अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़ के हमारी सरकार के चर्चे देश के कोने कोने में करवाये, यहाँ तक कि ४४ साल कि उम्र में भी अपना "भोलापन" खोने नहीं दिया।

में धन्यवाद करना चाहता हूँ मनीष,  कपिल,दिग्गी, शीला, खुर्शीद भाई और कलमाड़ी बाबू का जिनके कारनामो कि वजह से मेरा इतना नाम हुआ पुरे विश्व में कि में अपने दोनों हाथ कभी जेब से नहीं निकल पाया और अपना सर कभी ऊपर नहीं उठा पाया, बहुत बहुत शुक्रिया इनका कि आज मुझे "काम" (जो मेने कभी किया नहीं) से मुक्ति मिल रही है।

सीबीआई , जी हाँ में तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ सीबीआई का जिन्होंने मुझे कठीन से कठीन परिस्थितियों में भी महफूज़ रखा.

मेरा राजनितिक कैरियर १९९१ में शुरू हुआ, परन्तु मेरे नाम और शोहरत के पीछे  टर्निंग पॉइंट था २००४ में  मैडम जी का P.M न बनना और मुझे इस पद के लिए आगे करना। बस तभी से मेरे जीवन के गौरव शाली क्षणों कि शुरुआत हुयी और आज में इस मकाम पर पंहुचा हूँ।
मैडम जी आज भी मुझे रोज फ़ोन करती है और हर घोटाले के बारे में मुझे "मौन" रहने कि सलाह देती है।


मेने पार्टी और मैडमजी के लिए बहुत कुछ किया अब में देश के लिए कुछ करना चाहता हूँ इसीलिए अपना पद त्याग कर विदाई चाहता हूँ।

में आभारी हूँ मिडीया का जिसने मेरे कुछ कारनामो को दबाया और कुछ कारनामो को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया और मुझे इंटरनेशनल हीरो बनाया।


यह पल मेरे लिए बहुत भाव-विभोर कर देने वाले पल है, में जानता हूँ कि मेरा भाषण थोडा लम्बा हो रहा है परन्तु विश्वास कीजिये _ _ _ मेने कभी इतने सारे लोगो के सामने इतनी देर तक नहीं बोला_ _  आज आप लोगो ने मुझे सुन कर इमोशनल कर दिया है। में आप सब लोगो का भी आभारी रहूँगा जिन्होंने नमो जी को वोट देकर मुझे पदमुक्त करने में अहम् भूमिका निभायी है। आप लोग दूर दूर से यहाँ नमो जी कि शपथ ग्रहण रैली में आये है और मुझे सुन रहे है , धन्यवाद।  आपलोगो कि यादें मेरे ज़ेहन में हमेशा ताज़ी रहेंगी खास कर के  चोर _ _ चोर _ _ 2G , 3G , कोयला, CWG  यह सारे शब्द मेरे कानो में  मरते दम तक गूंजते रहेंगे।

बस इन्ही शब्दो के साथ में विदाई चाहता हूँ , ठीक है।  गुडबाय। ………






-कार्टून : इंटरनेट पर मौजूद आर्टिस्ट्स के सौजन्य से


Monday, 18 November 2013

Liebster Award


I don't see myself as an award winner at the very early stage of blogging or some people say it writing.

However Many thanks to Gunjan for nominating me for the Liebster Award. Its a great honor to receive this award from a fellow blogger!


Liebster Award is given to upcoming bloggers who have less than 200 followers. The word 'Liebster' is of German origin and means sweetest, kindest, nicest, dearest, beloved, lovely, kind, pleasant, valued, cute, endearing and welcome.

How does it work?

1.                   Link back to the persons blog who has nominated you and convey thanks for giving the award.
2.                   Answer all questions posted by the nominator.
3.                   Nominate 10 more bloggers whom you feel are deserving of more subscribers; you pass the award on to them.
4.                   Create 10 questions for the nominees.
5.                   Contact the nominees and let them know that they have been nominated for the Liebster Award!

Here are my responses to the questions posed by Gunjan:-

1) Why do you like most about blogging?
About Blogging I like that it gives you a platform to share your thoughts in a detailed way, it reaches to the specific audiences i.e. to those who really want to read something interesting. It is different than any other social network as while you blog you can enhance your artistic skills.

2) What do you dislike most about blogging?
Many people start blogging as passion, as their hobby, as they wanted to showcase their skills to others, gradually people make it their profession and only few people can keep Passion alive and they turned to be professionals by flooding their blogs with so many “How to”, “what to” blogs, which many times are repetitive. I dislike this thing that people forget the original motive.

3) How do you get blogging ideas?
There is only mantra behind getting ideas, “Always be alert, keep your eyes, nose and ear open” .
Actually I think that I am a good observer and while observing incidents, people and work around me I get ideas to write.

4) What did you want to be when you were a child?
Hahahahaha, this is a funny question to any adult living in his late twenties now. Each person grown up in 90s wanted to be a superman, yes he personally wanted to become something, then his mother wants something else, and suddenly father came and decide another profession, but after all, destiny takes him to a different stage.
My case is not different actually I wanted to become a Doctor till my class 10th, then an Army Officer, then I decided to become a physics scholar and researcher but then I found that god has written something for me in other profession and Finally I became IT Consultant or Software Engineer.

5) Which is your favorite book and why?
In today’s date my favorite book is “Shrimadbhagwatgeeta” and why, because every time when I read it, I do not get a single thing repeated. Each time I find something new, may be after my each reading the level of my understanding enhanced and I see the same thing in different direction.
 I request to all fellow bloggers to read it at least once, do not think that it is a religious book, it’s a philosophical book.
   

6) Of all the places you have ever been to, which one is your favorite and why?
Here I assume that the question is asked in terms of my residences in where cities then in that case my favorite place for living is Hyderabad, and why, because this city has it’s own pace of life, a royal pace, a charm of staying forever in the city. Even it is considered as a Metro city, it has its own share of calmness during usual business.
And if the question is about the tourist destinations which I visited and liked the most, then my answer is Gangtok, yes it is my favorite destination where I would like to go again and again or may be in my retirement age I would settle down there. I liked the people there, they are very nice, helping in nature, and you can see the same purity on most of the faces which you see on a new born baby.

7) Your biggest influence or role model is?
I do not have a fixed role model ever, at each stage of life I see role models around me, for example when I was in school then the topper of the class was my role model, I wanted to become like him, at the same time the football captain of school team was also my role model.
When I joined my profession, then I saw several skilled people around me who knew more than me about the skills where I am working so I made them my role model.
But being as a human being I always admire my Father, and wants to become a father, husband, son and human being like him.

8) What's your favorite genre of books?
I like Hindi humor, History, Fiction by Indian writers.

9) What time of the day is the most conducive for you to write?
Whenever an idea flashes in my mind, I put it on a notepad, and then whenever I find a little time during any part of the day, I write.

10) How do you overcome blogger/writer's block?
That I do not know how to answer!!!

Now my 10 Nominations for this Award are as under (hey guys please forgive me if you have already received such award and if I am spamming you)
  1. Kartikey Joshi (http://kartikeyjoshi.wordpress.com)
  2. Darshil Shah (http://thenationalistdigest.blogspot.in)
  3. Sreeram Manoj Kumar (http://memyinnerthoughts.blogspot.in/)
  4. Swati Maheshwari (http://cogitativeme.blogspot.in/)
  5. Altaf Hussain (http://altafphp.blogspot.in/)
  6. Richa Shukla  (http://prathamprayaas.blogspot.in)
  7. Maitreyee Bhattacharjee Chowdhury (http://jumble-rumble-thoughts.blogspot.in/)
  8. Suresh Chandrasekaran (http://www.jambudweepam.blogspot.in/)
  9. Pankaj Kumar ( http://behtarlife.blogspot.in/)
  10. Madhusha http://madhushadash.blogspot.in/  



And My 10 questions for the awardees are :


  1. Write a unique thing about you which are reflected in your blogs.
  2. Hindi or English, chose one and why?
  3. What is the craziest thing you done in your school life? ( I hope you have been to school… lolzz, joking)
  4. What is the Dish which you can cook and serve with confidence to the guests arrived in emergencies?
  5. If your spouse (or to be) hates your writing, and do not want you to write, what will you do and why?
  6. If you had a chance to be PM of India for a day, what are 5 major decisions you would take?
  7. Who/what influenced you for putting your thoughts on paper?
  8. What is your favorite movie character you relate yourself with?
  9. Do you have set any targets for your blogging? If yes what kind of targets?
  10. Your thoughts about Life and Love.

Monday, 11 November 2013

Wedding Invitation of an IT Employee

In one of my last posts I have shared the "Last Working day e-mail" of an IT employee, which you have appreciated, and it was real e-mail which was actually sent to top managers of organization.

Now since wedding season has to be started in a week or so, I would like to share with you a real wedding e-mail of an IT employee ( i.e mine). 

It's totally an original work and originally sent to my friends and colleagues,  you are free to use it although it is copyrighted  :) :)



--------------------Wedding Invitation E-mail of an IT Employee-------------------

Hi,


You may find this mail a bit long, like my courtship period...... 
but I insist, please read it completely J


After working in IT industry for almost 42 months I found that I have developed few qualities in myself…
such as....

1. Time management

2. Team work

3.How to say "Yes" to everything

4.Boss is always right

5.Stay quiet and concentrate on work

6.Be a good listener ( Listening only)

7.Accept all the negative things whatever come to your way even if you have given your 100%

8.            Commitment

9.            How to articulate a lie

and
10. Strong mindset of living in a stressed environment

If you notice carefully then you will find that all above qualities are essential to be a good husband,

(scroll up and read again if you do not believe)

so I think now I am prepared to take a plunge for this responsibility,

Those who are already inside the ring may warn me saying that married life has many pains, but trust me, celibacy has no pleasures.


Married life is a rollercoaster ride, and you cannot experience it’s thrill until you ride, I have seen those who are already on this rollercoaster, some are yelling, some are crying, some are vomiting but some are surely enjoying.

I have got a ticket for this roller coaster ride and I am ready to take a seat along with  my partner in this ride.

Those who are already there please bless & welcome us onboard and those who are standing outside and clapping, I wish you will get a ticket soon. J


Image Source: Internet 

Saturday, 26 October 2013

सूरज स्त्री है या पुरुष ? ( Gender of Sun)

डिस्क्लेमर: यह पोस्ट महिला दिवस के उपलक्ष्य में इस दुनिया की समस्त नारीयों  को समर्पित है, तथा अंत में उन्ही नारीयों  के लिए एक सन्देश भी निहित है। अतः कृपया पूरी पोस्ट पढ़े। 
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सूरज, भानु, सूर्य, प्रभाकर, दिनकर, आदित्य, भास्कर, रवि, दिवाकर और आफताब.. …
मैं यहा किसी स्कूल की कक्षा मे हाज़िरी नही ले रहा हूँ, मैं तो सूरज के भिन्न भिन्न नामो का उच्चारण कर रहा हूँ, आपने गौर किया कुछ, जीतने भी नाम है सूरज के सभी पुल्लिंग में है, मतलब सूरज को एक पुरुष की उपाधि दी गयी है, पौराणिक मान्यताओ की भी माने तो सूर्य देव, एक नर ही है|

परंतु मैं सोंच रहा था कि नाम और पौराणिक कथाओ को एक तरफ रख कर सोचे तो सूरज मे पुरुषो के कोई ज़्यादा गुण नज़र नही आते है।
आप बोलोगे की कैसे, तो भाई साब(हांजी, मैं भाईयों से ही कह रहा हूँ) एक बात बताईए जब आप कोई बहुत ही सुंदर, आकर्षक नैन नक्श वाली, भरपूर डील-डौल वाली कोई कन्या को देखते है तो आप अपनी "कूल लॅंग्वेज" मे क्या कहते है ? ....... "Woww she is so hot" अथवा बड़ी हॉट है बे.... ऐसे ही जुमले निकलते है ना आपके मुँह से, अब यह चर्चा फिर कभी करेंगे की लड़कियों के आकर्षण का पैमाना तापमान से कैसे पता चलता है, बहरहाल बात करते है हॉट की, तो आप किसी पुरुष को हॉट नही कहेंगे, कन्या को ही कहेंगे है की नही? तो इस हिसाब से सूरज तो हॉटेस्ट हुआ/हुई, तो यह गुण तो स्त्री का ही हुआ ना।

चलिए एक और उदाहरण लेते है, जब वही अति ताप वाली कन्या मतलब होटेस्ट गर्ल आपके क्षेत्र में , कॉलेज में , ऑफीस में  या पड़ौस में ही रहने वाली है, तो आप उसके चक्कर काटने शुरू कर देते हो, गोल गोल round round , हैं ना भाई साब, सच कह रहा हूँ ना? माफ़ करना अगर बात बुरी लगे तो ।

फिर आपको पता पड़ता है की ऐसे चक्कर काटने वाले आप अकेले नही है और भी भाई लोग है लाइन मे, कोई थोड़ा नज़दीक तो कोई थोड़ा दूर, पर है चक्कर काटने को मजबूर। अब बात करते है सूरज की, इसके आसपास चक्कर काटने वालो की भी कोई कमी नही है, मंगल से लेके शुक्र, गुरु से लेके बुध और शनि से लेके यम, अरुण से लेके वरुण तक सब के सब उस बेचारे / बेचारी सूरज के पीछे नहा धोके या बिना धोये पड़े है।
इसीलिए इन्ही सब पुरुष ग्रहो से तंग आके प्रथ्वी भी सूरज के इर्द-गिर्द होस्टल वॉर्डन की तरह चक्कर काटती रहती है, परंतु बेचारी पृथ्वी के ही पीछे एक दूसरा मजनूँ  "चाँद" पड़ा हुआ है, घूमता रहता है आगे पीछे। 

एक और उदाहरण देखते है, वो अंग्रेजी में कहते है न "लास्ट बट नोट दी लिस्ट" याने की आखिरी उदहरन जो आपको वाकई में सोचने पर मजबूर कर देगा की सूरज पुरुष है या स्त्री , अगर कोई आपको कहे कि जाओ सूरज को एक जैसा निहारो, तो आप क्या करेंगे? हाँ हाँ ऐसा कौन पागल कहेगा की सूरज को निहारो परन्तु मान लो न की अगर ऐसा करना ही पड़े तो आप कैसे करेंगे ? सनग्लासेस  का इस्तेमाल करेंगे और पुरे आत्मविश्वास  के साथ सूरज कि आँखों में याने उसकी किरणो में आँखें डाल के देखेंगे। अब वहींअगरआपको किसी कन्या को देखना हो बिना किसी को पता पड़े  तो "सेम  तो सेम ""   वही सनग्लासेस पहन के भरपूर ताडेंगे । तो सूरज में और कन्या में समानता हुई कि नहीं ?

तो देखा आपने सूरज का नाम सूरज नही सुरजिया बाई होना चाहिए, जो अपने आकर्षण के जाल मे फंसा कर इतने सारे गृहो को अपने आगे पीछे घुमा रहीहै। 

बात यहीं ख़तम नही हुई, माना दसियों गृह सुरजिया के चक्कर काटते फिरते है,  परन्तु मजाल है कि कोई थोडा करीब जाने कि हिम्मत भी कर पाये।  दूर से ही दर्शन करके सुखी है सभी। सुरजिया भी अपनी पूरी चमक लिए रोजाना अपने नियत समय पर घर से निकलती है और नियत समय पर घर पँहुचती है, लाखों करोडो सालो से ऐसा ही चला आ रहा है। सुरजिया कभी डरी नहीं , घबराई  नहीं , सदियों से चक्कर काट रहे गृह भी कभी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाये ।

  मैं अपनी इस पोस्ट के माध्यम से सभी नारीयों से यही कहना चाहूँगा कि आप भी सूरज कि भांति ही हो, चमकीली और दिशा देने वाली, कहते है इस संसार में राह कि दिशा का ज्ञान सूरज से और जीवन कि दिशा का ज्ञान एक नारी से ही मिलता है। तो इस जगत कि नारी तुम सूरज कि तरह अपने अक्ष पर विराजमान हो, चमको और दिशा निर्धारण करो, परन्तु किसी के दुस्साहस से मत डरो, और अपने भीतर जलने वाली ज्वाला से उसका सर्वनाश करो ।




सूरज सी चमक है तुझमे अगर
तो उसका ताप भी है
  दुःखियों को देख के पिघल जाए, हृदय मे ऐसी नरमी है
तो दूर्जनों  को जला कर भस्म कर दे ऐसी गरमी भी है
हैं नारी तू जननी है, विधाता है, रूप है काली का, चंडी का
  राक्षसो को जलाके कर सकती है तू राख
  तेरी तरफ एक बार भी उठे जो उनकी आँख !!










------चित्र इंटरनेट से साभार 

Wednesday, 23 October 2013

Hindi V/s English



I have not written too many posts on this blog, but whatever I have written mostly are in Hindi language. Recently I got a feedback from few of my friends who told me that they feel it difficult to read Hindi/देवनागरी  Scripts but they can speak and understand Hindi very well. It was not surprising for me because they were amongst the people whose throughout education carried out in English language, and they had an “Only English” atmosphere during their upbringing.


Today we have a large chunk of people who can speak and understand Hindi but they find it hard to read if anything is written in Hindi or in Devnagari script. Reading English novel is also a kind of fashion for today’s generation; I have seen many parents who talk to their children only in English and scold them if they utter a word in native language.
I don’t have any personal enmity with English Language; after all English language plays a big role to earn my bread and butter.

Pheww …. Now philosophy is enough, I come to the point why I do not write much in English? Answer is very simple; I do not know how to write in English. I feel myself helpless when it comes to express feelings.  For example if you want to abuse some one then will you use “F” word or use our treasure of words of Hindi? First question, why do we abuse someone, Kyonki gaali bakne ke siwa uska kuchh ukhaad nahi sakte, right? so to get best feel we always use Hindi swear words. Here my stress is on feelings and not on swear words, so do not be misguided I am talking about feelings only. When you meet your best friend after a long time will you talk to him like “hey dude, where you were for long? Whats up , uhhh? …. No you will not, if you are a real Indian, then you will say “ oye kameene, kahan tha yaar tu, gaayab hi ho gaya ssale”. Here have you noticed the FEEL?

Okay, let’s talk some romantic, here I can understand that those 3 English words are magical and can work, and you don’t need to use a single Hindi word for that, but if you love someone, then instead of saying “I love you”, say it in Hindi “mein tumse bahut pyar karta/karti hoon” and say it with a passionate eye contact, believe me not only you will get the feel but your partner will reciprocate it too.


So again I come to the point, why we can not read Hindi scripts if we can speak, understand and feel in Hindi?


With this post I would like to appeal all readers that Please read and give some time to Hindi as well, Hindi should not be taught in History subject.

नोट : यह पोस्ट हिंदी के प्रसार के लिए विशेष रूप से अंग्रेजी में लिखी गयी है , इस विरोधाबास के लिए क्षमा ॥ 
: Images from Internet

Monday, 21 October 2013

Piclog -2



In addition to Piclog -1, Here I am with second version of my Pics....
Any feedback is welcome!!!



Waiting....

छोटा सा जीवन और लंबा सफ़र है! पा लूँगा हर मंज़िल, साथ तू अगर है!
An All New India in Making..



गगन मे लहराता है भगवा हमारा ।
घिरे घोर घन दासताँ के भयंकर
गवाँ बैठे सर्वस्व आपस में लडकर
बुझे दीप घर-घर हुआ शून्य अंबर
निराशा निशा ने जो डेरा जमाया
ये जयचंद के द्रोह का दुष्ट फल है
जो अब तक अंधेरा सबेरा न आया
मगर घोर तम मे पराजय के गम में विजय की विभा ले
अंधेरे गगन में उषा के वसन दुष्मनो के नयन में
चमकता रहा पूज्य भगवा हमारा.... 
---- अटल बिहारी वाजपयी

I am a leader.... see my following !!!

Handful Devin Happiness.......
                       


Wednesday, 16 October 2013

Happy Queen Elizabeth

This is another story on Governance in India, for last few decades people of India have seen that India’s development graph is not steady and for last 9 years we have seen a steady rise in corruption, crime, inflation and insensitivity of government.

Okay I don’t talk about the government any more and start the story; this is a story of ancient India, when crime rate was not much higher, if someone steals a pair of shoes he used be called a big criminal, if any person stared a women for more than 2 seconds, immediately he was considered to be a big pervert and called a criminal by neighbors and rest of the society. In that era there used to be a person named Jagga, he was a thief by nature and profession, and was considered biggest criminal of that area where he lived.
He used to steal goats and hens and used to cook and eat them without leaving any evidences.
Actually no one could prove that he was the thief so “Panchayat” also used to set him free every time. People of his area hated him; they used to tell their children about Jagga that his is a criminal and not a good human being so do not talk to him.
From Internet

From Internet

Soon Jagga’s son Bhagga also joined him in his business; he was more claver and believed in perfection in his acts. Jagga was very happy that his son is also climbing steps on the same trail where he was leading.
Although Jagga was happy from outside but from inside he was very upset, one evening when he was sitting outside of his house and in the same vicinity children were playing and refraining themselves by coming near to his house by any chance.  That incident shook Jagga from inside, he started staying at home and he became ill and was bedridden.
One morning when Bhagga returned form his usual job with some grains and pair of parrots, he saw his father was counting his last breath. Jagga called his son and told him that now time has come,
 “I will not live now anymore, but before I die I would like to ask a promise from you”, “yes father tell me, I can do whatever you want”
“I was very bad citizen of this locality and was extremely infamous, no one wants to take my name on their tongue, I don’t want to die with this black spot on my name that I am the most evil person of this locality. You have to do something that after my death people do not say that I was worst, they should say that I was good. Then only I will get a sigh of relief in heaven.”
“Yes father, I will do it, I will make your name good”.
Bhagga promised and Jagga died.
Now Jagga was worried, day and night he was thinking that how he can put his father’s name in the good books of the people.
Finally Jagga got an idea and he started stealing each and everything from the house where he entered, if something he can not steal he used to destroy it, he made it sure that when people of that house wake up they were stunned.
Earlier the father-son duo used to steal live stocks of Goats and hens and used to cook them and eat, and leave no traces behind. Now since Bhagga could not eat so much, so he started killing the animals and dumped them in the front of resident’s doors.
Now inhabitants of that locality were dismayed and felt it very painful, since everyone knew that it was Bhagga, but could not produce the evidences so again Bhagga was freed.
Now everybody was heard saying that Bhagga has crossed all the limits, Jagga was even better, Jagga was not that bad man, and he was very good in comparison to Bhagga.
When Bhagga came to know that people are talking like this, he was extremely happy, he kept his promise and now his father’s spirit would be in rest; his father would take a sigh of relief in heaven or hell whatever.

This story ends here. But there is a message lies in the story, what is that?
Do you know, British Government ruled India for almost 200 years and they were very rude and villainous amongst the modern people of India so in 1947 when British government handed over the country’s responsibility to Congress, they took the same promise from Congress’ President which Jagga took from his son.
And you see, today we often say that British-raj was much better than today’s governance.



And you see, Queen of Britain is very happy today …..

देश भक्ति

  देश भक्ति , यह वो हार्मोन है जो हम भारतियों की रगो में आम तौर पर स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस  या भारत पाकिस्तान के मैच वाले दिन ख...