विश्व पर्यावरण दिवस पुरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया, कही कही तो दिवस की जगह पूरा हफ्ता ही पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाये जा रहे है।
हमारे ऑफिस में ही ले लीजिये, सप्ताह में २ दिन टिश्यू पेपर और डिस्पोजल गिलास पर पाबन्दी लगा दी गयी, हम बेचारे हिंदुस्तानी लोग तो जैसे तैसे पानी से धोके रुमाल से पोंछ के काम चला गए, पर बेचारे अमरीकन लोग जो २-४ दिन की विजिट पे आये थे फस गए पर्यारण दिवस के चक्कर में । एक तो हमारे कैफेटेरिया का स्पेशल मसालेदार खाना जिसको खाके अच्छे खासे लोग यह गाना गाने लगते है " फायर ब्रिगेड मंगवा दे तू अंगारे पर है पिछवाडा"! उस खाने को खाके फिरंगी ( so called Clients) मेहमान तो यह गाना लूप में गाते है, और उपर से "No tissue paper and no disposal glasses available".
चलिए ऑफिस की बात यही ख़तम करते है और घर की बात करते है, विश्व पर्यावरण दिवस पर घर आये और बीवी से कहा की बहुत दिन हो गए कुछ लिखा नहीं चलो पर्वायारण पर कुछ लिखता हूँ, बस इतना सुना की बीवी ने अपना "Romantic Movie Channel" बदला और तुरंत "Action Movie channel" लगा के बोली, क्यों???? सब पर कुछ न कुछ लिखो........ कभी मुझ पे भी कोई आर्टिकल या कविता लिखो।
बस हम अपना "Discovery Channel" म्यूट करके बैठे गए और अंत में बोले की चलो कुछ तुम पर ही कुछ लिखने का ट्राय करते है , तुम ही तो अभी मेरा पर्यावरण हो जो कुछ सालो में धरोहर बन जाओगी तो चलो तुम पर ही कुछ लिखते है।
बस इतना कहा और बैठे सोचने की क्या लिखे और जो कुछ भी दीमाग में आया वो कुछ इस तरह से था।