अगर आप की शादी हो चुकी है तो आप यह Post ज्यादा अछे तरीके से समझ सकते है, और अगर शादी शुदा नहीं है तो अच्छे से समझ जाईये यह आपके साथ भी होना ही है ।
आपकी शादी को 2 महीने भी नहीं होंगे और आप यह जूमला सुनना शुरू कर देंगे, और सुनाने वालो में जो लोग शामिल होंगे वो होंगे आपके दोस्त, old room mates, घर वाले, या आपके वो प्यारे रिश्तेदार जिनको यह भी नहीं पता होगा की पहले आप शादी के पहले क्या थे और अब बदल के क्या हो गए, पर फिर भी आप उनके लिए बदल जायेंगे अचानक,..........यही नहीं आपके सहकर्मी और आपका boss भी आपको नहीं छोड़ेगा, "यार शादी के बाद तुम्हारा काम करने का तरीका बदल गया बिलकुल ".......अरे भाई दोस्त, रिश्तेदार, सहकर्मी, बॉस तो ठीक है परन्तु अगर आपकी लव मैरिज है या आपका एक लम्बा कोर्टशिप पीरियड रहा है तो आपकी बीवी जिसके कारण आप तथाकथित दूसरो के लिए बदल गए हो वो भी आपको ये लाइन जरूर सुनाएगी,............"शादी के बाद तो तुम बदल गए" ,
अब आप सोचते रह जाओगे की आखीर बदला तो क्या बदला मुझमे??, आईने में खुद को 10 बार निहारोगे, Hairstyle भी वही है, शकल भी almost वैसी ही है जैसी शादी के पहले हुआ करती थी, कपडे पहनने का तरीका भी Same to same है, हां बस थोडा पेट निकल आया है, बाकी सब वैसा ही है, अब भाई अगर सब वैसा का वैसा है तो बदला तो बदला क्या????
इस बदलाव के पीछे एक गहरी साजिश है, जी हाँ, अब आपकी शादी हो गयी है इसका सीधा मतलब है की रिश्तेदारों, दोस्तों और बाकी करीबी लोगो को आपकी टांग खींचने का लाइसेंस मिल गया समझो, अगर आपने अपने किसी करीबी की किसी भी बात का जरा विरोध किया या उनकी किसी बात पे आपके मूह से "ना" निकल गया तो आपको यह लाइन सुनना ही पड़ेगी, और यही हाल बीवी के साथ होगा, अब आप सबको "हाँ" तो नहीं कह सकते ।
आईये अब इस "बदल जाने" की Psychology को Philosophical तरीके से समझते है, दर-असल शादी से पहले आप अपना टाइम बड़ा ही unorganized way में खर्च करते है, और आपके टाइम का बहुत बड़ा हिस्सा खर्च होता है या तो दोस्तों के साथ, घरवालो के साथ( प्रत्यक्ष या फ़ोन पे) या ऑफिस में काम करने में, बचा खुचा टाइम आप खुद को देते है (नहाना, धोना, सोना वगैरह).....यहाँ भी अलग अलग संस्करण(Versions or variants) देखने को मिलते है, जैसे दोस्तों के साथ कुछ लोग प्लेन गप्पे मारने में समय बिताते है, कुछ लोग धुम्रपान और मदिरापान करते हुए दोस्तों के साथ समय बिताते है, और कुछ लोग काफी शॉप पे बैठके साफ़ सुथरी सुन्दर बालाओ के बारे में उनके ही जैसी साफ़ सुथरी सुन्दर बाते करते हुए अपना समय बिताते है ,
घरवालो के साथ बिताया हुआ समय भी अलग अलग प्रकार का होता है, अगर आपकी उम्र शादी की हो चली है तो घरवालो की हर बात में कही न कही शादी वाली बात का कनेक्शन होगा, फलां के भाई की शादी पक्की हो गयी, पडौसी के बेटे की अगले महीने शादी है, तेरे सारे दोस्तों की हो रही है वगैरह वगैरह,....... ऑफिस में भी आपका समय बीतेगा तो बस अपने मेनेजर की तारीफ("A" सर्टिफाइड) करने में, लंच हो या टी टाइम या स्पेशल धुम्रपान सेशन, हर ब्रेक में आपकी बातो के 2 ही मुद्दे रहेंगे एक तो आपका मेनेजर और दूसरा अप्रेजल (हो चूका होगा तो उसको रोयेंगे नहीं हुआ होगा तो क्या होगा इस बात पे रोयेंगे), अब इन सब बातों में दखल तभी पड़ेगी जब आपके सामने से कोई "out of your project/team" अप्सरा गुजर जाये ..........
यह तो हुयी बात आपके समय के खर्च की जो आप शादी से पहले अपने दोस्तों, घरवालो और ऑफिस वालो पे करते है, इसके बाद अगर आपका कही चक्कर भी चल रहा है तो भी आप टाइम मैनेज कर ही लेंगे उसके लिए ...
तो शादी के पहले आपके समय के उत्पादन और व्यय की व्याख्या प्रतिशत में करे तो इस प्रकार से होगी
30-35% जाता है दोस्तों के साथ (5-6 Hrs)
20% खर्च होता है तल्लीनता से काम करने में (5 hrs)
10% ( या इस से भी कम)घर वालो के साथ (2 hrs)
10% ऑफिस में बकर (2 hrs)
10% Internet surfing, Virtual social networking or other internet stuff("A") (2 hrs)
5% जाता है आपके स्मार्ट फ़ोन पे (1 hr)
और बचा हुआ आपका समय जाता है आपके पर्सनल काम काजो में(सोना, खाना पीना और 1 नंबर 2 नंबर)
तो भाई सब कुछ ठीक ठाक चल रहा होता है, आपके टाइम की Balance sheet एकदम परफेक्ट है, किसी को कोई शिकायत नहीं है, आप बहुत अच्छे है, सभी खुश है, फिर अचानक से आपका मूड शादी करने का हो जाता है या बना दिया जाता है या किन्ही अपरिहार्य कारणों (Unavoidable reasons)से बन जाता है, और आप अपने जीवन का सबसे बड़ा एडवेंचर कर जाते है जिसे शादी कहते है।
अब आपके समय का बहीखाता आपकी जीवन संगीनी के हाथो में चला जाता है और सही भी है, जिसको आप इस ग्यारंटी पे ब्याह के लाये हो की उसे सदा खुश रखोगे तो अब खुश रखने के लिए 2 ही चीजे खर्च करनी पड़ती है (अधिकांशत:), पैसा और समय, तो दोनों के बहीखाते उसी के हाथो में देदो इसी में समझदारी है।
मेरे कुछ मित्र इस तर्क से असहमत भी होंगे की जिसको हम सात वचन देके, सात फेरे लेके लाये है उसके साथ बिताने के लिए तो सात जनम पड़े है .. तो अभी थोडा बहुत टाइम "इधर उधर" बिता भी लिया तो क्या गलत है? अब भाई इसमें सही क्या गलत क्या वो तो यह तर्क देने वाले ही जाने, बहरहाल मैं तो इस मत में विश्वास नहीं रखता हूँ।
तो भाई बात हो रही थी बदल जाने की तो चूँकि अब आपके समय का बहीखाता बदल गया है तो अब आप अपना कीमती समय जो कभी आप अपने दोस्तों, घरवालो, ऑफिस वालो और कभी कभार रिश्तेदारों को दिया करते थे, उसमे अब आपको करना पड़ती है भारी कटौती (Cost cutting) और अब आप दोस्तों के साथ दारू नहीं पीते, गपे नहीं लड़ाते, late night outing पे नहीं जाते , स्पेशल धुम्रपान के सेशन नहीं होते, किसी के नैन नक्शों पे चर्चा नहीं होती तो दोस्त कहते है की यार "तूम शादी के बाद बदल गए ".....
अब आप अपना काम समय पे ख़तम कर देते है, लेट नाईट तक रूक के बॉस की नजरो में आने के लिए काम अटकाते नहीं है तो बॉस के सामने आपकी विजिबिलिटी कम हो जाती है और वो कहता है यार "तूम शादी के बाद बदल गए ".......
अब घरवालो के पास शादी वाला टॉपिक नहीं है तो क्या हुआ शादी के बाद वाला टॉपिक है उसी से बचने के लिए घरवालो से भी बस काम की ही बातें होती है, तो वो भी कहते है यार "तूम शादी के बाद बदल गए ".......
अब आप अपनी मंगेतर या गर्लफ्रेंड जो की आपकी बीवी बन चुकी है को छुप छुप के मिलते नहीं है, फ़ोन पे ज्यादा बातें नहीं करते है, तो वो भी कहती है यार "तूम शादी के बाद बदल गए "............
पर एक जगह कही पे अगर आप नहीं बदले तो वो है आपके गंभीर मुद्दे पे हो रही चर्चा में दखल पड़ने के कारण(आप अच्छी तरह से जानते है में किस बारे में बात कर रहा हूँ) को देख के कहना ..... "Ohh terrri sahi hai yaar....." और फिर आपके दोस्त का कहना " स्साले तू बिलकुल नहीं बदला" और आप अपना घिसा पिटा Royel Stag वाला Dialogue चिपका देते हो की " Men will be men"......
नोट: उपरोक्त लिखी गयी सारी बातें मनोरंजन मात्र है, इनका रियल लाइफ से लेना देना हो भी सकता है और नहीं भी और अगर हो भी तो इसे "White paper" करार देके इसको गलत सन्दर्भ में उपयोग न करे ।
बस अपनी प्रतिक्रियाएं जरूर व्यक्त करे ..............
आपकी शादी को 2 महीने भी नहीं होंगे और आप यह जूमला सुनना शुरू कर देंगे, और सुनाने वालो में जो लोग शामिल होंगे वो होंगे आपके दोस्त, old room mates, घर वाले, या आपके वो प्यारे रिश्तेदार जिनको यह भी नहीं पता होगा की पहले आप शादी के पहले क्या थे और अब बदल के क्या हो गए, पर फिर भी आप उनके लिए बदल जायेंगे अचानक,..........यही नहीं आपके सहकर्मी और आपका boss भी आपको नहीं छोड़ेगा, "यार शादी के बाद तुम्हारा काम करने का तरीका बदल गया बिलकुल ".......अरे भाई दोस्त, रिश्तेदार, सहकर्मी, बॉस तो ठीक है परन्तु अगर आपकी लव मैरिज है या आपका एक लम्बा कोर्टशिप पीरियड रहा है तो आपकी बीवी जिसके कारण आप तथाकथित दूसरो के लिए बदल गए हो वो भी आपको ये लाइन जरूर सुनाएगी,............"शादी के बाद तो तुम बदल गए" ,
अब आप सोचते रह जाओगे की आखीर बदला तो क्या बदला मुझमे??, आईने में खुद को 10 बार निहारोगे, Hairstyle भी वही है, शकल भी almost वैसी ही है जैसी शादी के पहले हुआ करती थी, कपडे पहनने का तरीका भी Same to same है, हां बस थोडा पेट निकल आया है, बाकी सब वैसा ही है, अब भाई अगर सब वैसा का वैसा है तो बदला तो बदला क्या????
इस बदलाव के पीछे एक गहरी साजिश है, जी हाँ, अब आपकी शादी हो गयी है इसका सीधा मतलब है की रिश्तेदारों, दोस्तों और बाकी करीबी लोगो को आपकी टांग खींचने का लाइसेंस मिल गया समझो, अगर आपने अपने किसी करीबी की किसी भी बात का जरा विरोध किया या उनकी किसी बात पे आपके मूह से "ना" निकल गया तो आपको यह लाइन सुनना ही पड़ेगी, और यही हाल बीवी के साथ होगा, अब आप सबको "हाँ" तो नहीं कह सकते ।
आईये अब इस "बदल जाने" की Psychology को Philosophical तरीके से समझते है, दर-असल शादी से पहले आप अपना टाइम बड़ा ही unorganized way में खर्च करते है, और आपके टाइम का बहुत बड़ा हिस्सा खर्च होता है या तो दोस्तों के साथ, घरवालो के साथ( प्रत्यक्ष या फ़ोन पे) या ऑफिस में काम करने में, बचा खुचा टाइम आप खुद को देते है (नहाना, धोना, सोना वगैरह).....यहाँ भी अलग अलग संस्करण(Versions or variants) देखने को मिलते है, जैसे दोस्तों के साथ कुछ लोग प्लेन गप्पे मारने में समय बिताते है, कुछ लोग धुम्रपान और मदिरापान करते हुए दोस्तों के साथ समय बिताते है, और कुछ लोग काफी शॉप पे बैठके साफ़ सुथरी सुन्दर बालाओ के बारे में उनके ही जैसी साफ़ सुथरी सुन्दर बाते करते हुए अपना समय बिताते है ,
घरवालो के साथ बिताया हुआ समय भी अलग अलग प्रकार का होता है, अगर आपकी उम्र शादी की हो चली है तो घरवालो की हर बात में कही न कही शादी वाली बात का कनेक्शन होगा, फलां के भाई की शादी पक्की हो गयी, पडौसी के बेटे की अगले महीने शादी है, तेरे सारे दोस्तों की हो रही है वगैरह वगैरह,....... ऑफिस में भी आपका समय बीतेगा तो बस अपने मेनेजर की तारीफ("A" सर्टिफाइड) करने में, लंच हो या टी टाइम या स्पेशल धुम्रपान सेशन, हर ब्रेक में आपकी बातो के 2 ही मुद्दे रहेंगे एक तो आपका मेनेजर और दूसरा अप्रेजल (हो चूका होगा तो उसको रोयेंगे नहीं हुआ होगा तो क्या होगा इस बात पे रोयेंगे), अब इन सब बातों में दखल तभी पड़ेगी जब आपके सामने से कोई "out of your project/team" अप्सरा गुजर जाये ..........
यह तो हुयी बात आपके समय के खर्च की जो आप शादी से पहले अपने दोस्तों, घरवालो और ऑफिस वालो पे करते है, इसके बाद अगर आपका कही चक्कर भी चल रहा है तो भी आप टाइम मैनेज कर ही लेंगे उसके लिए ...
तो शादी के पहले आपके समय के उत्पादन और व्यय की व्याख्या प्रतिशत में करे तो इस प्रकार से होगी
30-35% जाता है दोस्तों के साथ (5-6 Hrs)
20% खर्च होता है तल्लीनता से काम करने में (5 hrs)
10% ( या इस से भी कम)घर वालो के साथ (2 hrs)
10% ऑफिस में बकर (2 hrs)
10% Internet surfing, Virtual social networking or other internet stuff("A") (2 hrs)
5% जाता है आपके स्मार्ट फ़ोन पे (1 hr)
और बचा हुआ आपका समय जाता है आपके पर्सनल काम काजो में(सोना, खाना पीना और 1 नंबर 2 नंबर)
तो भाई सब कुछ ठीक ठाक चल रहा होता है, आपके टाइम की Balance sheet एकदम परफेक्ट है, किसी को कोई शिकायत नहीं है, आप बहुत अच्छे है, सभी खुश है, फिर अचानक से आपका मूड शादी करने का हो जाता है या बना दिया जाता है या किन्ही अपरिहार्य कारणों (Unavoidable reasons)से बन जाता है, और आप अपने जीवन का सबसे बड़ा एडवेंचर कर जाते है जिसे शादी कहते है।
अब आपके समय का बहीखाता आपकी जीवन संगीनी के हाथो में चला जाता है और सही भी है, जिसको आप इस ग्यारंटी पे ब्याह के लाये हो की उसे सदा खुश रखोगे तो अब खुश रखने के लिए 2 ही चीजे खर्च करनी पड़ती है (अधिकांशत:), पैसा और समय, तो दोनों के बहीखाते उसी के हाथो में देदो इसी में समझदारी है।
मेरे कुछ मित्र इस तर्क से असहमत भी होंगे की जिसको हम सात वचन देके, सात फेरे लेके लाये है उसके साथ बिताने के लिए तो सात जनम पड़े है .. तो अभी थोडा बहुत टाइम "इधर उधर" बिता भी लिया तो क्या गलत है? अब भाई इसमें सही क्या गलत क्या वो तो यह तर्क देने वाले ही जाने, बहरहाल मैं तो इस मत में विश्वास नहीं रखता हूँ।
तो भाई बात हो रही थी बदल जाने की तो चूँकि अब आपके समय का बहीखाता बदल गया है तो अब आप अपना कीमती समय जो कभी आप अपने दोस्तों, घरवालो, ऑफिस वालो और कभी कभार रिश्तेदारों को दिया करते थे, उसमे अब आपको करना पड़ती है भारी कटौती (Cost cutting) और अब आप दोस्तों के साथ दारू नहीं पीते, गपे नहीं लड़ाते, late night outing पे नहीं जाते , स्पेशल धुम्रपान के सेशन नहीं होते, किसी के नैन नक्शों पे चर्चा नहीं होती तो दोस्त कहते है की यार "तूम शादी के बाद बदल गए ".....
अब आप अपना काम समय पे ख़तम कर देते है, लेट नाईट तक रूक के बॉस की नजरो में आने के लिए काम अटकाते नहीं है तो बॉस के सामने आपकी विजिबिलिटी कम हो जाती है और वो कहता है यार "तूम शादी के बाद बदल गए ".......
अब घरवालो के पास शादी वाला टॉपिक नहीं है तो क्या हुआ शादी के बाद वाला टॉपिक है उसी से बचने के लिए घरवालो से भी बस काम की ही बातें होती है, तो वो भी कहते है यार "तूम शादी के बाद बदल गए ".......
अब आप अपनी मंगेतर या गर्लफ्रेंड जो की आपकी बीवी बन चुकी है को छुप छुप के मिलते नहीं है, फ़ोन पे ज्यादा बातें नहीं करते है, तो वो भी कहती है यार "तूम शादी के बाद बदल गए "............
पर एक जगह कही पे अगर आप नहीं बदले तो वो है आपके गंभीर मुद्दे पे हो रही चर्चा में दखल पड़ने के कारण(आप अच्छी तरह से जानते है में किस बारे में बात कर रहा हूँ) को देख के कहना ..... "Ohh terrri sahi hai yaar....." और फिर आपके दोस्त का कहना " स्साले तू बिलकुल नहीं बदला" और आप अपना घिसा पिटा Royel Stag वाला Dialogue चिपका देते हो की " Men will be men"......
नोट: उपरोक्त लिखी गयी सारी बातें मनोरंजन मात्र है, इनका रियल लाइफ से लेना देना हो भी सकता है और नहीं भी और अगर हो भी तो इसे "White paper" करार देके इसको गलत सन्दर्भ में उपयोग न करे ।
बस अपनी प्रतिक्रियाएं जरूर व्यक्त करे ..............
16 comments:
bhai yaha to shadi ke pehle hi ye sab ho raha he jo sab tumne shadi ke bad ke liye likha he....BTW awsome post and bahut sahi narrate kiya he...keep it goin..u can do in newspapers also.
bhiyya aap shadi ke baad badal gaye ho....
badhiyaa....
Yaar... Shaadi se pehle tera koi blog nahi aaya... abhi shaadi ke baad blog likhna shuru kar diye ho... Waakyi shaadi ke baad badal gaye ho tum dost... ;-)
Ha ha mast hai sir... Lagta hai shadi ka bada gehra asar pada hai... Sir AAP shadi k baad badal Gaye ho....:P
Keep going, one day you will definitely change. Par badalne ke liye shadi ki jarurat nahi padhti hee. :-#
nice .one.....:)
haan bhai, badalane ke liye shadi ki jarurat nahi aur badalane ka karana bhi shadi nahi :) :) par fir bhi shaadi bich me aati hai
Thanks Rahul
hehehe, nahi bhai..... yeh asar shaadi ke baad ka nahi hai, 4 saal ki IT life ka hai :)
hum shaadi ke baad nahi, divorce ke baad badle hai.. divorce with ACcenture.... :)
hehehe, haan bhai wo actually "In relationship" par bhi apply hota hai, but majority on post shaadi .....
Thanks for encouragement... try to enhance my writing and try to keep posted :)
Hapy to see the responses coming for my debut......
Aap sabhi ki Zarranawaji ke liye Shukriya....
will come with more interesting posts, regularly...
baharhaal tumhara case thoda alag hai, par aage chal ke yeh tumhe bhi dekhna pad sakta hai :) :)
Bhai tu badal gaya hai... keep likhing......
Pritesh tum bilkul nahi badle,bas tumhara STANDARED BADH GAYA HE .
BUT LIFE IS ALWAYS FOR KEEP CHANGING...
me jaha tak tumhe janti ho thodha change to har time me aata he jab tum Poinear se SCS me aaya .. jab SCS se Accenture me aaya aur ab jab marriage ho gayi he "}
I remember jab hum log Accenture join karne ja rahe the tab tumne train me kaha tha ki ab dekhte he Banglore jaker kis kis ki personality me change aata he :)
So it mean we always want jab kuch naya hamre sath ho tab hum use accept kar ke khud ko chnage kar le :)
So Keep changing :)
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