प्रस्तुत लेख एक कल्पना मात्र है, यहाँ उपयोग किये गए नाम वास्तविक लग सकते है परन्तु वह एक संयोग मात्र होगा। इस लेख का प्रयोजन सिर्फ अपने पाठको का मनोरंजन करना है न कि किसी कि भावनाओ को आहात करना, फिर भी अगर किसी विशेष राजनितिक दल कि भावनाओ को ठेस पहुचती है तो इसके लिए वो खुद और इस लेख में आये हुए नाम जिम्मेदार है।
दिन : १ जून २०१४
स्थान: राम लीला मैदान, दिल्ली
घटना: श्रीमान मन्नू भाई जी कि देश के P.M पद से विदाई
कारन: श्रीमान नमो भाई जी कि देश के P.M पद कि शपथ
आज नमो देश के प्रधानमंत्री पद कि शपथ राम-लीला मैदान में लाखो लोगो कि मौजूदगी में लेने जा रहे है, परन्तु उससे पहले एक विशेष घटना घटित होने को है, जिसके लिए देश १० सालो तक तरसता रहा, वो होने जा रहा है, आज मन्नू जी कुछ "कहने " जा रहे है।
जी हाँ , मन्नू जी ने नमो जी से आग्रह किया कि वो भी सचिन तेंदुलकर कि तरह एक विदाई भाषण देना चाहते है, परन्तु वानखेड़े स्टेडियम कि तरह लाखो लोग जुटा पाना मुश्किल है इस लिए वो नमो जी के शपथ ग्रहण समारोह में अपनी स्पीच देना चाहते है और जैसा नमो जी ने यह आग्रह स्वीकार किया और आज मन्नू जी को "बोलने " का मौका देते हुए "इंक्लूसिव पॉलिटिक्स " का उदहारण प्रस्तुत किया।
जैसे ही मन्नू जी अपने दोनों हाथ अपनी जैकेट कि पॉकेट में डाल के, इठलाती हुयी अपनी "मनमोहक" चाल में चलते हुए मंच पे आके पोडियम पर खड़े हुए वैसे ही सारी जनता हल्ला मचाने लगी, मन्नू जी ने धीरे से माइक के करीब जाके कहना आरम्भ किया। ....
दोस्तों----- बैठ जाईये _ _ _ _ कृपया करके शांत हो जाईये _ _ _ फिर भी जनता चुप नहीं हुयी,
तभी मन्नू जी ने मीरा कुमारी जी कि तरफ देखा, वो तुरंत दौड़ती हुयी माइक पे आयी और बोली, शांत हो जाईये, बैठ जाईये, शांत हो जाईये, बैठ जाईये, मन्नू जी को सुनिये - _ _ _ और मन्नू जी को माइक देते हुए वो वापस लौट गयी।
मन्नू जी ने फिर कोशिश कि, देखिये आप शांति से नहीं बैठेंगे तो में आज भी कुछ नहीं बोलूंगा _ _ _
"आज भी कुछ नहीं बोलूंगा _ _ " यह सुन के पुरे मैदान में सन्नाटा पसर गया.
मन्नू जी ने शुरू किया_ _ _ _ _ _ _
"मेरी जिंदगी के १० साल, ७ रेस कोर्स रोड से १० जनपथ के बिच कि भाग दौड़ में कब बीत गए पता ही नहीं चला, आज मेरी उसी जिंदगी का आखिरी दिन है, मेरी इस जिंदगी को यादगार बनाने में बहुत लोगो का योगदान रहा है में सभी का शुक्रिया करना चाहता हूँ" फिर मन्नू जी ने अपनी पॉकेट से एक हाथ निकालते हुए रूमाल से अपनी नाक साफ कि और फिर कहना शुरू किया_ _ _ _
"सबसे पहले तो में शुक्रिया करना चाहता हूँ नमो जी का _ _ _तभी अचानक लोगो ने चिल्लाना शुरू किया मोअअअ दी _ _ _ मोअअअ दी___मोअअअ दी_ _ अबकी बार नमो जी ने जनता को कहा " मित्रो शांत हो जाईये " और जनता चुप हो गयी.
मन्नू जी ने एक बार फिर आरम्भ किया, "नमो जी कि वजह से आज मुझे बोलने का मौका मिला है , आज मुझे अपनी विदाई का भाषण देने का मौका मिला है, नमो जे कि वजह से मुझे अब बुढ़ापे में आराम करने का मौका मिला है।
में मैडम जी का भी शुक्रगुजार हूँ कि आज उनके मार्गदर्शन में काम करने कि वजह से मुझे P.M. पद से विदाई मिल रही है, मैडम जी कि वजह से ही में आज इतना फिट हूँ क्योंकि मुझे रोजाना ७ रेस कोर्स से भाग के १० जनपथ कई बार आना पड़ता था.
यकीन ही नहीं आता कि आज से मेरी जिंदगी में केवल एक मैडमजी रह गयी है_ _ मेरी पत्नी।
में शुक्रगुजार हूँ अपने मंत्रिमंडल का जिनकी करतूतो कि वजह से आज मुझे "चोर" जैसे सम्मानो से नवाज़ा जाता है.
में तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ अपनी भारत माता का जिसने मेरी हर शैतानी को नजरअंदाज किया, मेरे हर घोटालो को सहा, मेरे लिए कई टैक्स पेयर्स ने बड़े बड़े बलिदान दिए उनका भी शुक्रिया।
राउल बाबा_ _ _ अब उनके बारे में क्या कहु ? इस नौजवान लडके ने मेरे लिए अपनी पूरी जवानी दांव पे लगा दी, अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़ के हमारी सरकार के चर्चे देश के कोने कोने में करवाये, यहाँ तक कि ४४ साल कि उम्र में भी अपना "भोलापन" खोने नहीं दिया।
में धन्यवाद करना चाहता हूँ मनीष, कपिल,दिग्गी, शीला, खुर्शीद भाई और कलमाड़ी बाबू का जिनके कारनामो कि वजह से मेरा इतना नाम हुआ पुरे विश्व में कि में अपने दोनों हाथ कभी जेब से नहीं निकल पाया और अपना सर कभी ऊपर नहीं उठा पाया, बहुत बहुत शुक्रिया इनका कि आज मुझे "काम" (जो मेने कभी किया नहीं) से मुक्ति मिल रही है।
सीबीआई , जी हाँ में तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ सीबीआई का जिन्होंने मुझे कठीन से कठीन परिस्थितियों में भी महफूज़ रखा.
मेरा राजनितिक कैरियर १९९१ में शुरू हुआ, परन्तु मेरे नाम और शोहरत के पीछे टर्निंग पॉइंट था २००४ में मैडम जी का P.M न बनना और मुझे इस पद के लिए आगे करना। बस तभी से मेरे जीवन के गौरव शाली क्षणों कि शुरुआत हुयी और आज में इस मकाम पर पंहुचा हूँ।
मैडम जी आज भी मुझे रोज फ़ोन करती है और हर घोटाले के बारे में मुझे "मौन" रहने कि सलाह देती है।
मेने पार्टी और मैडमजी के लिए बहुत कुछ किया अब में देश के लिए कुछ करना चाहता हूँ इसीलिए अपना पद त्याग कर विदाई चाहता हूँ।
में आभारी हूँ मिडीया का जिसने मेरे कुछ कारनामो को दबाया और कुछ कारनामो को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया और मुझे इंटरनेशनल हीरो बनाया।
यह पल मेरे लिए बहुत भाव-विभोर कर देने वाले पल है, में जानता हूँ कि मेरा भाषण थोडा लम्बा हो रहा है परन्तु विश्वास कीजिये _ _ _ मेने कभी इतने सारे लोगो के सामने इतनी देर तक नहीं बोला_ _ आज आप लोगो ने मुझे सुन कर इमोशनल कर दिया है। में आप सब लोगो का भी आभारी रहूँगा जिन्होंने नमो जी को वोट देकर मुझे पदमुक्त करने में अहम् भूमिका निभायी है। आप लोग दूर दूर से यहाँ नमो जी कि शपथ ग्रहण रैली में आये है और मुझे सुन रहे है , धन्यवाद। आपलोगो कि यादें मेरे ज़ेहन में हमेशा ताज़ी रहेंगी खास कर के चोर _ _ चोर _ _ 2G , 3G , कोयला, CWG यह सारे शब्द मेरे कानो में मरते दम तक गूंजते रहेंगे।
बस इन्ही शब्दो के साथ में विदाई चाहता हूँ , ठीक है। गुडबाय। ………
-कार्टून : इंटरनेट पर मौजूद आर्टिस्ट्स के सौजन्य से