तुम नहीं आते हो बस तुम्हारी याद चली आती है।
अनायास ही इन नयनो से अश्रुधारा बह जाती है।।
बागो में ना अब फूलो की महक है न पंछियों की चहक है।
लगता नहीं अब कोई गीत मधुर मुझे।
जीवन का हर पल लगता है दूभर मुझे।
आशाओ के बादल बुनता हर पल ये मन है।
तेरी एक झलक पाने को बेकल मेरे नयन है।
मद्धम पवन का हर एक झोंका याद तेरी दिलाता है।
तेरे चंचल स्पर्श का अनुभव मुझे कराता है।
आओ की फिर वसंत की आहट है, मन में कैसी यह हिचकिचाहट है।
आओ की मेरा जीवन महका दो, कुछ पल के लिए मुझे बहका दो।
बातो में तेरी कुछ यूँ खो जाऊ की जीवन भर के लिए बस तेरा होके रह जाऊ।
बस तेरा होके रह जाऊ।।।।