In addition to Piclog -1, Here I am with second version of my Pics....
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An All New India in Making.. |
गगन मे लहराता है भगवा हमारा ।
घिरे घोर घन दासताँ के भयंकर
गवाँ बैठे सर्वस्व आपस में लडकर
बुझे दीप घर-घर हुआ शून्य अंबर
निराशा निशा ने जो डेरा जमाया
ये जयचंद के द्रोह का दुष्ट फल है
जो अब तक अंधेरा सबेरा न आया
मगर घोर तम मे पराजय के गम में विजय की विभा ले
अंधेरे गगन में उषा के वसन दुष्मनो के नयन में
चमकता रहा पूज्य भगवा हमारा....
---- अटल बिहारी वाजपयी
I am a leader.... see my following !!!
Handful Devin Happiness....... |
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